आज हम कृषि क्षेत्र से जुड़ी एक ऐसी सफल कहानी बताने जा रहे हैं, जो मेरठ में रहने वालीं 27 वर्षीय पायल अग्रवाल की है. पायल ने बीटेक की पढ़ाई की है, साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहीं हैं. वह बैंक पीओ, क्लर्क आदि की परीक्षा दे चुकी हैं, लेकिन खास सफलता नहीं मिल पाई. पायल पढ़ाई के साथ-साथ सोशल मीडिया पर छोटे-मोटे बिजनेस के आइडिया भी खोजती रहती हैं. इस दौरान उन्हें वर्मी-कम्पोस्ट यानी केंचुआ खाद बनाने का आइडिया आया. आज उन्हें करीब 2 साल हो गए केंचुआ की खाद बनाते हुए, इससे वह हर महीने में 1 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफ़ा कमा रही रही हैं.
पायल ने 22 साल की उम्र में खाद बनाने की शुरुआत की. यह खाद किचन वेस्ट से तैयारी होती थी. यानी किचन में जो सब्जी के छिलके, फलों के छिलके निकलते थे, वह उन्हें एक कंटेनर में डालती थी. इस तरह करीब 15 दिनों तक कचरा एकत्र होता रहता था, वह उसमें पानी डालकर सड़ने देती थीं, साथ ही उसमें गोबर मिला देती थीं. इस तरह 1 महीने में खाद तैयार हो जाती थी.
ये खबर भी पढ़े: Unique Business Ideas: हर महीने लाखों रुपए कमाने के लिए शुरू करें ये नया बिजनेस, सरकार भी करेगी मदद
इसके बिजनेस के लिए जमीन की जरूरत थी, लेकिन पायल के पास खुद की जमीन नहीं थी. इसके बाद पायल ने करीब डेढ़ एकड़ जमीन किराए पर ली थी. इसका सालाना किराया करीब 40 हजार रुपए था. उन्होंने पानी के लिए बोरिंग करवाई, बिजली के लिए पुराना जनरेटर लगवाया, फावड़ा-तगाड़ी जैसे छोटे-छोटे औजार खरीदे. इसके बाद काली पॉलीथिन के 2 रोल बुलवाए. जिससे 12 बेड बन जाते हैं. यानी 2 से 24 बेड बन गए. इनके जो टुकड़े बचे थे, उससे 2 बेड और बन गए. इस तरह करीब 26 बेड बन गए. इसके बाद पायल ने गोबर और केंचुए डाल दी और इसके ऊपर पराली बिछा दी. इस पर रोजाना 1 बार पानी छिड़का, ताकि नमी बरकरार रहे और हवा भी लगती रहे.
इस वक्त पायल हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, अलीगढ़, बरेली, महाराष्ट्र, आगरा, कश्मीर, जामनगर जैसे शहरों में वर्मी कम्पोस्ट की यूनिट लगवा चुकी हैं. वह इसका कोई चार्ज नहीं लेती हैं, बल्कि सिर्फ केंचुआ खाद की सप्लाई करती हैं. इस वक्त उनके पास स्किल्ड लेबर हैं. अगर कहीं यूनिट लगानी होती है, तो वहां उनका एक लेबर जाता है.